पलकें हमारी गीली है याद में
दिलो में हो रही बूंदा-बांदी है
कोई ज़ख़्म नहीं, कोई दर्द नहीं
ये सिर्फ गमो की आंधी है
देव कुमार
पलकें हमारी गीली है याद में
दिलो में हो रही बूंदा-बांदी है
कोई ज़ख़्म नहीं, कोई दर्द नहीं
ये सिर्फ गमो की आंधी है
देव कुमार
मेरे जिस्म पर हक़ है तेरा
मेरी दिल तेरी नुमाईश है
कफ़न पहना दे आकर मुझको
बस यही मेरी आख़री खुवाईश है
देव कुमार
उस बेवफा को हम सजा दिला न सके
हमारे पास कोई भी सबूत नहीं
गम से भरा थैला तो है मगर
उसकी यादों का कोई भी ताबूत नहीं
देव कुमार
मिलेगा न तुझे भी चैन ज़िन्दगी में
तेरा सादिक आज ये तुझ से कहता है
देख ज़रा तू आ कर ज़िन्दगी उसकी
वो किस हाल में रहता है
देव कुमार
ज़िन्दगी बेगैरत खुद की कर ली हमने
बैच दिया हमने अपने दिल के ईमान को
किया है सौदा हमने भी दिल का साहिब
जानते है हम इस इश्क़ के हर अंजाम को
देव कुमार
कही बदल न जाए वो खुदा के सामने
उसका हर खत इसलिए संभाल रखा है
तकलीफ न हो ढूंढ़ने में हमें उसको
कफ़न से चेहरा इसलिए निकाल रखा है
देव कुमार
बदलता नहीं उनका उसूल दिल का
हर बार मिलते है पहली मुलाकात की तरह
उनको हम कभी समझ नहीं पाए
बदल जाते है वो हर बार ख्यालात की तरह
देव कुमार
इस महफ़िल में कोई खुद नहीं आता
यहाँ तो सब के सब बुलाये जाते है
नाम है इसका मयख़ान साहिब
यहाँ हर दिल-ऐ-गम भुलाये जाते है
देव कुमार
मेरी बर्बादी का मुझ से ईनाम न छीनो
मेरे हांथों से अब ये जाम न छीनो
पसंद है मुझे शराबी कहलाना
मुझ से मेरा ये नाम न छीनो
देव कुमार
चेहरे पर हमारे झुर्रियां है
और छाई दिल में उदासी है
बरसों से हमने देखा नहीं उसको
हमारी आंखें बहुत प्यासी है
देव कुमार