कही बदल न जाए वो खुदा के सामने
उसका हर खत इसलिए संभाल रखा है
तकलीफ न हो ढूंढ़ने में हमें उसको
कफ़न से चेहरा इसलिए निकाल रखा है
देव कुमार
कही बदल न जाए वो खुदा के सामने
उसका हर खत इसलिए संभाल रखा है
तकलीफ न हो ढूंढ़ने में हमें उसको
कफ़न से चेहरा इसलिए निकाल रखा है
देव कुमार
Leave a Reply