पलकें हमारी गीली है याद में
दिलो में हो रही बूंदा-बांदी है
कोई ज़ख़्म नहीं, कोई दर्द नहीं
ये सिर्फ गमो की आंधी है
देव कुमार
पलकें हमारी गीली है याद में
दिलो में हो रही बूंदा-बांदी है
कोई ज़ख़्म नहीं, कोई दर्द नहीं
ये सिर्फ गमो की आंधी है
देव कुमार
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