इश्क तेरा – Shayari Zakhmi Dil
जिस्म के दरारों से रूह नज़र आए लगी
बहुत अंदर तक तोड़ गया मुझे इश्क तेरा….
जहाँ मर्ज़ी छिडक डालो – Shayari Zakhmi Dil
नमक हाथ में ले कर सितमगार सोचते क्यूँ हो
हजारों जख्म हैं दिल पर जहाँ मर्ज़ी छिडक डालो…
इज़हार करना जरूरी है – Shayari Zakhmi Dil
उन्हें चाहना हमारी कमजोरी है
उनसे कह नही पाना हमारी मजबूरी है
वो क्यूँ नही समझते हमारी खामोशी को
क्या प्यार का इज़हार करना जरूरी है
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